लेकिन सच्चाई तो यही है कि यदि आप हिंदू
धर्म से ताल्लुक रखते हैं तो कुछ बेहद सामान्य धार्मिक बातों के बारे में
आपको जानना अति आवश्यक है। जैसे मंदिर में या फिर किसी देवालय के बाहर
चप्पल क्यों उतारी जाती है? मंदिर में घंटी क्यों बजाई जाती है ? आज हम
आपको बताने जा रहे है हिन्दू धर्म में किए जानी वाली ऐसी ही कुछ चीजों के
बारे में जिससे शायद ही आप जानते होंगे। तो आइए जानते है..
मंदिर के बाहर चप्पल क्यों उतारते है?
जैसा कि आप सब जानते है कि मंदिर में
प्रवेश नंगे पैर ही करना पड़ता है और यह नियम दुनिया के हर हिंदू मंदिर में
है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि मंदिर की फर्शों का निर्माण पुराने
समय से अब तक इस प्रकार किया जाता है कि ये इलेक्ट्रिक और मैग्नैटिक
तरंगों का सबसे बड़ा स्त्रोत होती हैं। जब इन पर नंगे पैर चला जाता है तो
अधिकतम ऊर्जा पैरों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाती है। इसलिए ऐसा
किया जाता है।
मंदिर में घंटी क्यों बजाई जाती है ?
आपने देखा होगा कि जब भी मंदिर में प्रवेश
किया जाता है तो दरवाजे पर घंटा टंगा होता है, जिसे बजाना होता है। इसके
अलावा मुख्य मंदिर (जहां भगवान की मूर्ति होती है) में भी प्रवेश करते समय
घंटा या घंटी बजानी होती है। इसके पीछे कारण यह है कि इसे बजाने से निकलने
वाली आवाज से 7 सेकंड तक गूंज बनी रहती है, जो शरीर के 7 हीलिंग सेंटर्स को
सक्रिय कर देती है।
भगवान की मूर्ति को गर्भ गृह के बीच क्यों रखा जाता है?
हमेशा मंदिर में भगवान की मूर्ति को गर्भ
गृह के बिल्कुल बीच में रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस जगह पर सबसे
अधिक ऊर्जा होती है, जहां सकारात्मक सोच से खड़े होने पर शरीर में
सकारात्मक ऊर्जा पहुंचती है और नकारात्मकता दूर भाग जाती है। यही कारण है
कि भगवान की मूर्ति को गर्भ गृह के बीच रखा जाता है।
क्यों की जाती है परिक्रमा ?
मंदिर में दर्शन करने और पूजा करने के
पश्चात परिक्रमा करनी होती है। ये परिक्रमा 8 से 9 बार करनी होती है। ऐसा
करने का कारण यह है कि जब मंदिर में परिक्रमा की जाती है तो सारी सकारात्मक
ऊर्जा, शरीर में प्रवेश कर जाती है और मन को शांति मिलती है।
क्यों दीपक के ऊपर घुमाया जाता है हाथ?
अक्सर अपने देखा होगा कि आरती के बाद सभी लोग दिए या कपूर के ऊपर हाथ रखते
हैं और उसके बाद सिर से लगाते हैं और आंखों पर स्पर्श करते हैं। ऐसा करने
के पीछे कारण ये है कि ऐसा करने से हल्के गर्म हाथों से दृष्टि इंद्री
सक्रिय हो जाती है और बेहतर महसूस होता है।