कान्हा कान्हा ओ कान्हा
तुझ को पुकारूँ दिन रैन
दर्श दिखा जा
दिल में समा जा,
आजा रे कान्हा
मेरे घर आजा,
मोरा मनवा है बेचैन!
कान्हा कान्हा ओ कान्हा..
तुझ को पुकारूँ दिन रैन!
राह तकूँ मैं तोरी
अँखियाँ थकी है मोरी,
अटकी हुई तुझ पे,
मेरे सांसों की डोरी
तरस गए है मोरे नैन!
कान्हा कान्हा ओ कान्हा..
तुझ को पुकारूँ दिन रैन!
मेरे प्रभु मेरे गिरधर,
आ जाओ तुम मोरे घर,
चरणों में तेरे मेरा,
झुका हुआ है ये सर,
आये न तेरे बिन चैन
कान्हा कान्हा ओ कान्हा..
तुझ को पुकारूँ दिन रैन!